Krishna Janmashtami भगवान श्री कृष्ण का जन्म दिन
Krishna Janmashtami आज भगवान श्री कृष्ण जी का जन्मोत्सव मनाया जा रहा है भारत वर्ष बड़ी खुशी का दिन है।
लगभग आज से 5500 वर्ष पूर्व भगवान श्री कृष्ण का जन्म आधी रात को देवकी की 8 वीं संतान के रूप में जेल में हुआ था।
भगवान विष्णु जी का कृष्ण रूप में अवतार लेते ही जेल के सारे ताले खुल गये पहरेदार सो गए थे।
तब वासुदेव भगवान को सूप (छाज) में रख कर गोकुल में नन्द बाबा के यहां छोड़ आये थे।
इसी कारण Krishna Janmashtami दो दिन मनाई जाती है।
जो मथुरा वाले हैं यमुना के इस पार के हैं वह वह 1 दिन पहले मनाते हैं क्योंकि वहां जन्म आधी रात को हुआ था।
जो यमुना के उस पार के हैं यानी कि गोकुल वाले वह अगले दिन मनाते हैं क्योंकि भगवान वहाँ अगले दिन पहुँचे थे।

Krishna Janmashtami भगवान श्री कृष्ण का अवतार
श्री कृष्ण का जन्मदिन भाद्रपद की अष्टमी तिथि को अर्धरात्रि को कृष्ण पक्ष में हुआ था।
आपने सोचा ऐसा क्यों हुआ।
क्योंकि श्री कृष्ण का जन्म अंधेरे में एक ज्योति स्वरूप थे। भगवान के इस अवतार में वह यह बताना चाहते थे।
कि जैसे कृष्ण पक्ष की काली रात में दीपक की एक छोटी सी ज्वाला ही उजाला कर देती है।
वैसे ही भगवान ने अर्धरात्रि को कारावास में जन्म लेकर यह बताने का प्रयास किया।
कि परिस्थितियां कैसी भी हों उन पर मनुष्य अपने कर्मों से विजय प्राप्त कर सकता है।
16 कलाओं से परिपूर्ण भगवान श्री कृष्ण जी पूर्ण भगवान हैं।
अगर सनातन धर्म मे एक भगवान की होती तो जरूर वह श्रीकृष्ण ही होते ।
इसलिए प्रतिवर्ष भाद्रपद की कृष्ण पक्ष की अष्टमी को भगवान का जन्मदिन मनाते हैं।
और शिक्षा ग्रहण करते हैं कि हम हार नहीं मानेगें हम कालरात्रि में दीपक बन कर जलेंगे अपने कर्तव्य के लिए।
भगवान ने गोकुल में रह कर बहुत सी बाललीलाएं की जिसमें सबसे महत्वपूर्ण कालिया नाग का वध एवं गोवर्धन पर्वत को उंगली पर उठाना था।

श्री कृष्ण जन्माष्टमी उत्सव
हर राज्य में अलग तरह से मनाते हैं Krishna Janmashtami मथुरा में विशेष पूजा एवं दही हांडी कार्यक्रम होता है।
जिसे देखने देश विदेश भक्त पहुँचते हैं। मुंबई में भी किसी से कम नही होता जन्माष्टमी उत्सव।
दहीहंडी उत्सव शाम को एकत्रित होकर बच्चों की टोलियां गली गली में जाकर दहीहंडी को फोड़ते हैं।
औऱ भगवान श्री कृष्ण का जन्मदिन उत्सव जन्माष्टमी के रूप में मनाते हैं।
जय श्री कृष्णा