एक ऐसा महान ग्रंथ जिसे स्वयं भगवान श्री कृष्ण जी ने अर्जुन को सुनाया था।
जब मैंने जाना आत्मा भी होती है और आत्मा में ही परमात्मा होता है। तब मैंने गीता का अध्ययन किया।
गीता में छिपा हुआ ज्ञान का सागर मानव के लिए बहुत कल्याण कारी है। गीता का अध्ययन करने के बाद आपको धर्म की जरूरत नहीं होती।
गीता का ज्ञान भगवान श्री कृष्ण जी ने आज से लगभग 5000 हज़ार वर्ष पूर्व द्वापरयुग के अंतिम चरण में महाभारत की युद्ध भूमि में अर्जुन को दिया था।
जब परिवार की ईर्ष्या एवं लालच ने अपने पराये का भेदभाव नष्ट कर दिया एवं स्त्रियों को भोग मात्र की वस्तु समझ लिया।
द्रोपदी जैसी महान नारी को भरी सभा में नंगा कर दिया ।

उस समय भूमि के टुकड़ों के लिए भाई को भाई लड़ता देख शायद प्रकृति भी रोती होगी ।
तब शायद प्रकृति के यह दशा देख भगवान ने निष्चय किया होगा कि अब महाभारत भी करनी होगी और गीता का ज्ञान भी देना होगा।
उस ईर्ष्या ने जब महाभारत रूप ले लिया था।
ना चाहते हुए भी वह दिन भी आ ही गया जब देश विदेश के महान योद्धा एक दूसरे के आमने सामने शस्त्र लिये मरने कटने के लिए तैयार खड़े थे।
युद्ध से पहली वह काली रात कितनी भयावह होगी।
उन वीरांगनाओं पर क्या बीत रही होगी जो अपने पतियों को युद्ध के लिए तैयार भी कर रही होंगी आंशु भी छिपा रही होंगी एवं अपने बच्चों के लिए चिंतित भी होंगी वह भी यह जानते हुए कि आज उनके अंतिम दर्शन हैं।
अंत में वह दिन भी आगया सूर्य की तेज़ किरणें ख़ामोशी के साथ जब पृथ्वी पर बिखर रही होंगी ना जाने कितनी सांसे रुक गई होंगी।

अंत मे यद्ध भूमि में भयंकर प्रबल रूप में युद्ध का शंखनाद हुआ।
उस समय अर्जुन ने अपनों को सामने देख युद्ध करने से मना कर दिया अश्त्र डाल दिये।
किन्तु पृथ्वी से पाप का नाश करना भी तो अनिवार्य था ।
उस समय साक्षात परमेश्वर भगवान श्री कृष्ण जी के रूप में गीता ज्ञान बांटने के लिए तत्पर थे।
क्योंकि प्रकृति पर लगे वह दाग भी तो मिटाने थे।
भगवान श्री कृष्ण जी ने अर्जुन से कहा हे अर्जुन मैं तुम्हें गीता का ज्ञान देता हूँ। जो आज तक एक रहस्य था।
युगों युगों तक यह ज्ञान मानव के लिए कल्याण कारी होगा।
भगवान श्री कृष्ण जी ने गीता का उपदेश दिया।

अर्जुन से पहले गीता का ज्ञान किसने सुना था।?
उ. – अर्जुन से पहले गीता का ज्ञान सिर्फ़ सूर्य देव ने ही सुना था।
प्रश्न- कब सुनाई?
उ.- आज से लगभग 5 हज़ार साल पहले सुनाई ।
प्रश्न- गीता में क्या-क्या बताया गया है?
उ.- ज्ञान-भक्ति-कर्म योग मार्गो की विस्तृत व्याख्या की गयी है। इन मार्गो पर चलने से व्यक्ति निश्चित ही परमपद का अधिकारी बन जाता है ।
प्रश्न- गीता को अर्जुन के अलावा और किन किन लोगो ने सुना?
उ.- धृतराष्ट, संजय और श्री हनुमान जी ने ।
प्रश्न- गीता में कितने अध्याय हैं?
उ.- गीता में 18 अध्याय हैं
प्रश्न- गीता में कितने श्लोक हैं?
उ.- गीता में 700 श्लोक हैं
प्रश्न- गीता में किसने कितने श्लोक कहे है?
उ.- श्रीकृष्ण जी ने- 574,
अर्जुन ने- 85,
धृतराष्ट्र ने- 1,
संजय ने- 40,
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