भगवान शिव 12 ज्योतिर्लिंग के रूप में साक्षात विराज मान हैं।
प्रतिदिन प्रातः 12 ज्योतिर्लिंगों का नाम जपने मात्र से सात जन्मों तक के पाप नष्ट हो जाते हैं।
जिस कामना की पूर्ति के लिए मनुष्य नित्य इन नामों का पाठ करता है। शीघ्र ही उस फल की प्राप्ति हो जाती है।
12 लिंगों के दर्शन मात्र से सभी पापों से मुक्ति मिल जाती है।
यही तो भगवान शिव की विशेषता है।
ज्योतिर्लिंग शंख आकृति
12 ज्योतिर्लिंगों को मिलाने पर हमें शंख की आकृति नजर आएगी।
सभी 12 ज्योतिर्लिंगों को जो कि एक लाइन के द्वारा उत्तर से दक्षिण की ओर मिलाने पर शंख के आकार में आकृति बनेगी।
आश्चर्य की बात है या मात्र संयोग यह तो स्वयं भगवान शिव ही जानें।
मान्यता है कि भगवान शिव नेे जिन 12 स्थानों पर दर्शन देकर अपने भक्तों को वरदान दिया। वहां पर इन ज्योतिर्लिंगों की स्थापना की गई।
12ज्योतिर्लिंग इस प्रकार हैं-
1. श्री सोमनाथ ज्योतिर्लिंग गुजरात के सौराष्ट्र क्षेत्र में स्थित है।
सौराष्ट्र देशे विशवेऽतिरम्ये, ज्योतिर्मय चंद्रकलावतंसम्।
भक्तिप्रदानाय कृतावतारम् तं सोमनाथं शरणं प्रपद्ये। ।
2. श्री मल्लिकार्जुन ज्योतिर्लिंग आंध्रप्रदेश के कृष्णा जिले में श्रीशैल पर्वत पर स्थित है।
श्री शैलश्रृंगे विविधप्रसंगे, शेषाद्रीश्रृंगेऽपि सदावसंततम्।
तमर्जुनं मल्लिकार्जुनं पूर्वमेकम्, नमामि संसारसमुद्रसेतुम्। ।
3. श्री महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग मध्यप्रदेश के उज्जैन में स्थित है।
अवंतिकाया विहितावतारम्, मुक्तिप्रदानाय च सज्जनानाम्।
अकालमृत्यो: परिरक्षणार्थम्, वंदे महाकाल महासुरेशम्।।
4. श्री ओंकारेश्वर ज्योतिर्लिंग भी मध्यप्रदेश में नर्मदा किनारे स्थित है।
कावेरिकानर्मदयो: पवित्रसमागे सज्जनतारणाय।
सदैव मांधातृपुरे वसंतम्, ओंकारमीशं शिवमेकमीडे ।

5. श्री केदारनाथ ज्योतिर्लिंग उत्तराखंड के हिमालय में लगभग 12 हजार फुट की ऊंचाई पर स्थित है।
हिमाद्रीपार्श्वे च समुल्लसंतम् सम्पूज्यमानं सततं मुनीन्द्रै:।
सुरासुरैर्यक्षमहोरगाद्यै:, केदारसंज्ञं शिवमीशमीडे।।
6. श्री भीमाशंकर महाराष्ट्र की सह्याद्री पर्वतमाला में भीमा नदी के तट पर स्थित है।
यो डाकिनीशाकिनिकासमाजै: निषेव्यमाण: पिशिताशनेश्च।
सदैव भीमेशपद्प्रसिद्धम्, तं शंकरं भक्तहिंत नमामि।।
7. श्री काशी विश्वनाथ ज्योतिर्लिंग उत्तप्रदेश के वाराणसी में स्थित है।
सानंदमानंदवने वसंतमानंदकंद हतपापवृंदम्।
वाराणसीनाथमनाथनाथम्, श्री विश्वनाथं शरणं प्रपद्ये।।
8. श्री त्र्यंबकेश्वर ज्योतिर्लिंग महाराष्ट्र के नाशिक के पास गोदावरी नदी के तट पर स्थित है।
सह्याद्रीशीर्षे विमले वसंतम्, गोदावरीतीरपवित्रदेशे।
यद्यर्शनात् पातकपाशु नाशम्, प्रयाति त्र्यंबकमीशमीडे।।
9. श्री वैद्यनाथ ज्योतिर्लिंग झारखंड के देवघर में स्थित है।
पूर्वोत्तरे पारलिकाभिधाने, सदाशिवं तं गिरिजासमेतम्।
सुरासुराराधितपादपद्मम्, श्री वैद्यनाथं सततं नमामि।।

10. श्री नागेश्वरज्योतिर्लिंग महाराष्ट्र के मराठवाड़ा क्षेत्र में हिंगोली के पास स्थित है।
याम्ये सदंगे नगरेऽतिरम्ये, विभूषिताडं विविधैश्च भोगै:।
सद्भक्ति मुक्ति प्रदमीशमेकम्, श्री नागनाथं शरणं प्रपद्यै।।
11. श्री रामेश्वरम् ज्योतिर्लिंग रामेश्वरम् तमिलनाडु में स्थित है।
श्री ताम्रपर्णीजलराशियोगे, निबध्य सेतु निधी बिल्वपत्रै:।
श्रीरामचंद्रेण समर्पितं तम्, रामेश्वराख्यं सततं नमामि।।
12. श्री घृष्णेश्वर ज्योतिर्लिंग महाराष्ट्र के औरंगाबाद जिले में विश्वप्रसिद्ध एलोरा की गुफाओं के पास स्थित है।
इलापुरे रम्यशिवालये स्मिन्, समुल्लसंतम त्रिजगद्वरेण्यम्।
वंदेमहोदारतरस्वभावम्, सदाशिवं तं घृषणेश्वराख्यम्।।
[…] बिल्कुल भी ना करें। ऐसा करने से भगवान शिव का आशीर्वाद प्राप्त होता […]